ध्वनि रहित भूतिया गाँव: एक भयानक कहानी

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गाँव के बाहर एक बुना हुआ मकान था,भूतिया गाँव जिसे सभी गाँववाले भूतिया मकान के नाम से जानते थे। वहां के लोगों का कहना था कि उस मकान में रात को अनजान ध्वनियाँ सुनाई देतीं हैं और कई बार उसके आसपास अजीब घटनाएँ होतीं हैं। किसी भी यात्री ने वहां के पास से गुजरते हुए उस मकान को देखा है, वह उसकी भौंक में अचंभित हो जाते हैं और दूर जाते हैं।

गाँव के युवाओं के बीच एक दिन यह बात हो गई कि उन्हें उस भूतिया मकान में एक रात बितानी चाहिए। वे उस रहस्यमय मकान को जाने का फैसला करते हैं, ताकि उन्हें सच्चाई का पता चल सके।

रात के समय, पांच दोस्त उस भूतिया मकान की ओर बढ़ते हैं। मकान की छत धीरे-धीरे उनके सामने आती है, और उन्हें वहां का वातावरण अजीब सा लगने लगता है। दरवाजे पर लटकते हुए एक वृत्तीकार का सिलसिला विचार करते हैं, और उसके बाद, वे मकान में घुसते हैं।

मकान के अंदर की स्थिति बिल्कुल विचित्र होती है। रसोई में पुरानी बर्तन खुदाई करते नजर आते हैं, और बीच बाजार में खड़े पुराने अलमारियों के दरवाज़े अपने आप ही बंद हो जाते हैं। ये दोस्त अपने आप को मकान के अंदर के साये से घिरे महसूस करने लगते हैं, जैसे कि कोई उनकी हर चाल-चलन को देख रहा हो।

रात की घड़ियाँ बीतती जाती हैं और दोस्तों की बातचीत भी कम होती जाती है। एक एहसास होने लगता है कि कोई और है, जो उनके साथी है, लेकिन उनके नजर आंकड़ों और तौर-तरीकों पर कोई स्पष्टता नहीं मिलती है।

एक दोस्त ने एक पुराने बिस्तर पर बैठते हुए खुद को आराम देने का फैसला किया। जैसे ही वह बिस्तर पर बैठता है, उसे एक अजीब सी अनुभूति होती है, जैसे कोई उसके ऊपर घुम रहा हो। उसे लगता है कि बिस्तर की सींच उसके पास जाती है, जब वह अपनी आंखें बंद करता है। धीरे-धीरे उसे नींद आने लगती है, लेकिन उसके घड़ी में कोई अजीब सी ध्वनि उसकी ध्यान को खींचती है। ध्वनि एक अज्ञात स्वर बन जाती है, जिसमें कुछ न समझ पाने की खोज करते हुए वह बंद करता है।

रात की गहरी छांव में, उन्होंने एक और अजीब घटना का सामना किया। उन्हें लगता है कि कोई उनके पास छिपा है, और वे उसकी ओर मुड़ते हैं, लेकिन कुछ भी नहीं देखते हैं। उन्हें लगता है कि वे खुद को बरकरार रखने के लिए खुद को मनाने के लिए कहीं भागते हैं, लेकिन वे बार-बार उसी स्थिति में पहुंच जाते हैं।

अंत में, एक दोस्त ने बड़ी संख्या में दुखी होकर कहा, “यहाँ कुछ गड़बड़ है। हमें यहां से जल्दी निकलना चाहिए।”

उसके बाद, सभी ने ठीक उसी समय एक साथ सोने का निर्णय लिया, जैसे कि उन्होंने सोने के लिए भी वहाँ कोई दूसरा स्वर नहीं सुना था।

सुबह को उन्होंने साथी यात्री के बारे में बात करते हुए मकान से बाहर निकल आए। उन्होंने सोचा कि वे कुछ नहीं कहेंगे और वहाँ की गैर-सामान्य घटनाओं के बारे में।

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